हाँ मैंने देखी है ,माँ के चेहरे की झुर्रियां
अब मुझे गुलाबी चेहरे अच्छे नहीं लगते
मुझे याद हैं माँ की आँखों में आंसू
जिनमे कुछ था तो ,सिर्फ ममता थी प्यार था
ऐसा प्यार जो परिस्थितियों का मोहताज नहीं
मैं माँ को याद रखूँ या न रखूँ
मै माँ के लिए कुछ करुं या न करुं
लेकिन माँ की आँखों में प्यार हमेशा रहेगा
इस पूरी दुनिया में वही ऐसा प्यार है
जो बाज़ार में बिकता नहीं
जिसे खरीदने की जरूरत नहीं
क्योंकि माँ मुझे तब भी प्यार करती थी
जब मै कुछ भी नहीं था
और अब भी करती है जब मै बहुत बड़ा हो गया हूँ
मुझे भागना होगा तो मै इस प्यार के पीछे भागूंगा
जो अथाह है ,सागर है
ये प्यार कभी नहीं घटने वाला
मै जानता हूँ
क्योंकि माँ ,माँ होती है
जिसकी जगह कोई नहीं ले सकता !
क्योंकि माँ ,माँ होती है
ReplyDeleteजिसकी जगह कोई नहीं ले सकता !
बिलकुल सही कहा। माँ जैसा कोई नही। अच्छी लगी रचना। शुभकामनायें।
बहुत उम्दा ब्यां किया है ! मेरे ब्लोग पर भी आएं व फ़ोलो करें ! मैं आप को फ़ोलो कर रहा हूं !
ReplyDeleteक्योंकि माँ ,माँ होती है
ReplyDeleteजिसकी जगह कोई नहीं ले सकता !
अच्छी रचना, शुभकामनायें!
'ma bachchon ki jaan hoti hai
ReplyDeletekismatwale hote hain jinki ma hoti hai'
sahi baat kahi hai..
बहुत सुन्दर भावों से ओत प्रोत रचना ...
ReplyDeleteमाँ तो बस माँ होती है
ReplyDeleteमुझे भागना होगा तो मै इस प्यार के पीछे भागूंगा
ReplyDeleteजो अथाह है ,सागर है
ये प्यार कभी नहीं घटने वाला
सच कहा …………बेहद खूबसूरत प्रस्तुति।
bhaavpoorna!!!
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा.....मेरा ब्लागः-"काव्य-कल्पना" at http://satyamshivam95.blogspot.com/ ....आप आये और मेरा मार्गदर्शन करे...धन्यवाद
ReplyDeleteक्योंकि माँ ,माँ होती है
ReplyDeleteजिसकी जगह कोई नहीं ले सकता !
बहुत सुंदर .... मनोभावों की खूबसूरत अभिव्यक्ति.....