Monday, July 26, 2010

सपनों का व्यापार करो

बेचना है तो खुशियाँ बेचो ,नफ़रत छोड़ो ,प्यार करो !
आँसू, दर्द का किस्सा छोड़ो,सपनों का व्यापार करो !!
रिश्तों की कड़वाहट पी लो ,जग में भरा हलाहल पी  लो !
भगवान बनो ,उद्धार करो ,एक बार नहीं सौ बार मरो !!

Thursday, July 22, 2010

बेरोजगार

जब देखता हूँ तुम्हारा दर्द ,तुम्हारी परेशानियाँ ,
मेरी आँखे भर आती हैं  माँ !
चाहता हूँ मिटा दूं सारा दर्द ,
ले लूँ तुम्हारे सारे गम ,
पर ले नहीं पाता बस देखता हूँ और घुटता हूँ रात दिन !
कोसता हूँ अपने आप को क्यों नहीं करता कुछ माँ के लिए ,
कभी कभी सोचता हूँ कि ये सर काट के तुम्हारे कदमों में रख दूं ,
पर जानता हूँ इस से तुम्हारा  दर्द और बढ़ जाएगा !
जिन आँखों में कभी सपने थे ,
आज सिर्फ आश है बुझी हुई कि शायद इन बूढ़े कंधो को बेटा सहारा दे दे , आज , कल या परसों !
पढ़ा लिखा सब कुछ किया ,
पर इस से बढ़ कर भी कुछ चाहिए समाज को ,
जाति,धर्म ,जिनसे आज थोड़ा नीचे हो गया है कर्म !
लाचार हूँ ,क्या करुं,बेकार हूँ ,
माँ बाप के सपनों को शायद ही पूरा कर सकूं ,बेरोजगार हूँ !!!   

भेड़िया

सुनाई दिया गाँव में एक भेड़िया  आया है !
जो पहले डकारता है ,फिर खाता है और फिर गुर्राता है !
पलक झपकते ही गाँव के गाँव चबा जाता है !
लोग कहते है इसका काम काज उल्टा है ,
ये नहीं समझते अब राम राज उल्टा है ,
चारो तरफ दिखता है बस जरा मरा!
कौन पकड़े भेड़िया, कहाँ से आये कटघरा !