आप बताइए हम भी आप के साथ चिल्ला चिल्ला कर रोयेंगे |
पी .ए. : नेता जी , पंजाब में बाढ़ में आयी आप ने सारा दर्द सीने में दफन कर लिया और किसी को कानो कान खबर भी नहीं होने दी की आपको कितना कष्ट है, लेह में बादल फटा आपने अपना दिल पत्थर का बना लिया और सारा झटका सह गए ,पड़ोसी मुल्क में बाढ़ आ गयी आपने वहां भी अपने साहस का परिचय दिया ,आप खामोश रहे पर आज आपकी आँखों में आँसूं क्यों हैं, हमें बताइए ,कौन सी इतनी बड़ी त्रासदी हो गयी जहाँ का पानी आपकी आँखों तक पहुँच गया |
नेता जी : अगर मुझे पता होता तो मै जरूर बताता , मुझे तो खुद नहीं पता ये आँसूं आखिर आये कहाँ से |
पी .ए . : नेता जी ,धीरे बोलिए अगर मीडिया को पता चल गया तो हंगामा हो जाएगा |
चमचा : नेता जी , आप क्या जवाब देंगे ? आप तो जिम्मेदार नेता हैं हर सवाल का जवाब दिया है आपने आज तक | मेरे खयाल से हमें जांच कमेटी बैठा देनी चाहिए और पता लगाना चाहिए कि ये आँसूं आये कहाँ से ?
नेता जी : तो फिर बैठा दो जांच कमेटी, पी .ए . !
पी . ए . :नेता जी जांच कमेटी तो बैठा दी जाए पर इसका विश्वास कैसे किया जाए कि फैसला आ ही जाएगा और आ भी गया तो कितने परसेंट सही होगा !
नेता जी : तो फिर क्या किया जाए ?
पी . ए . : इस शहर के सबसे अच्छे "आई स्पेस्लिस्ट "को बुलातें हैं और पता लगाते हैं की आँसूं कहाँ से आये |
चमचा : मै अभी बुला के लाता हूँ , नेता जी |
( कुछ समय बाद )
डॉक्टर : नेता जी ,आँखें खोलिए मै अभी देख कर बताता हूँ ,वजह |
पी. ए . : क्या कुछ दिखा ?
डॉक्टर : हाँ |
चमचा : तो बताओ क्या दिख रहा है ?
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डॉक्टर : टूटी फूटी सडकें ,सड़कों में गड्ढे , गड्ढों में पानी और ....|
चमचा : रुको ,रुको यही पानी था नेता जी की आँखों में |
डॉक्टर : चुप ! डॉक्टर मै हूँ या तू है गड्ढों की गहराई ज्यादा है और पानी कम है पानी बाहर नहीं आ सकता |
पी. ए .: डॉक्टर साब , आप आगे देखो !
डॉक्टर : ह्म्म्म ,गड्ढों में पानी है , पानी में तो सोने की मछलियाँ हैं |
नेता जी : रुको डॉक्टर ,दूसरा एरिया देखो ,उधर से पानी नहीं आया है,खामखा वक़्त मत बर्बाद करो |
डॉक्टर : अच्छा नेता जी , टूटे हुए पुल ,बाँध और........ |
नेता जी : ये फालतू की चीजें मत बताओ कुछ ख़ास दिखे तो बताओ नहीं तो जाओ |
डॉक्टर : जी नेता जी ,देखता हूँ ,मिल गया ,मिल गया |
पी. ए . : बताओ फिर जल्दी बताओ ,क्या वजह हैं आँसूं की |
डॉक्टर : जनता , जो सड़कों पर पड़े रोड़े की तरह इधर से उधर भाग रही है ,कभी मंहगाई से लड़ने ,कभी भूख से लड़ने ,कभी त्रासदी कि वजह से और...|
नेता जी : पी. ए . ,इसे ले जाओ इसे कुछ नहीं पता |
डॉक्टर : नेता जी पूरी बात तो जान लीजिये ,जनता किन किन कारणों से दौड़ -भाग रही है ये आप को पता है और वही रोड़े की तरह आपकी आँखों में चुभ रही हैं और पानी .......|
नेता जी : पी. ए ., इसको ले जाओ यहाँ से और देखना ये दुबारा किसी को देखने लायक न रहें |
पी. ए . : जी नेता जी |
चमचा : अब आप क्या जवाब देंगे मीडिया में |
नेता जी (हंसते हुए ): आज तक जितने सवालों का जवाब दिया ,किसी का जवाब मुझे पता था क्या ?
चमचा (हंसते हुए):जी नेता जी |
आपने अच्छा ब्लाग बनाया है। हिन्दी चिट्ठाजगत में आप के जैसे जज्बे के लोगों की जरूरत है।
ReplyDeleteये शब्द पुष्टिकरण हटाएँ वर्ना टिप्पणियों का अकाल रहेगा।
Swagat hai, Kripaya Yahaan Bhee Tashreef Laayen
ReplyDeletehttp://afra-tafrih.blogspot.com/
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
वैसे आँसू मगरमच्छ को भी आते हैं।
ReplyDeletelekh achchha laga dhanayawad.
ReplyDeleteab to comments bhi milnay lage bhai sahab !achcha hai articale !
ReplyDeleteबढिया!
ReplyDeleteइस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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